उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। विजिलेंस टीम ने काशीपुर स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति के प्रभारी सचिव पूरन सिंह सैनी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह घटना मंगलवार को हुई, जब सैनी दो व्यापारियों से ₹1,20,000 की रिश्वत मांग रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम सरवरखेड़ा के निवासी शफायत चौधरी और शकील चौधरी, जो मंडी में कई वर्षों से दुकान चला रहे हैं, ने अपनी दुकानों के लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। वर्तमान में मंडी में लगभग 30 दुकानों के लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया में हैं। जब शफायत और शकील ने सचिव पूरन सिंह सैनी से संपर्क किया, तो उन्होंने प्रति लाइसेंस ₹60,000 की रिश्वत की मांग की, जबकि सरकारी शुल्क केवल ₹250 था। इस रिश्वत की मांग के बाद व्यापारियों ने इसकी सूचना विजिलेंस को दी, जिसके बाद कार्रवाई की गई और सचिव को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ताओं ने कई बार सचिव से इस अवैध मांग को लेकर अनुरोध किया था, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। अंततः व्यापारियों ने हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद सतर्कता अधिष्ठान, हल्द्वानी ने मामले की जांच शुरू की और आरोप सही पाए गए।
मंगलवार शाम लगभग 4:30 बजे विजिलेंस टीम ने मंडी समिति कार्यालय में छापा मारा और सैनी को शिकायतकर्ताओं से ₹1,20,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। छापेमारी के दौरान मंडी परिसर में हलचल मच गई और बड़ी संख्या में व्यापारी व कर्मचारी कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने सैनी से और शिकायतकर्ताओं से लंबी पूछताछ की। पुलिस ने मंडी समिति कार्यालय को घेर लिया और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है, जो अन्य भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर कर सकती है।
यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त है और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

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