उत्तराखंड के चमोली जिले की नंदानगर तहसील के घाट क्षेत्र में बुधवार रात बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा में कई मकान मलबे में दब गए, दर्जनभर से अधिक घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसी दौरान रेस्क्यू टीम ने 16 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मलबे में दबे कुंवर सिंह को जीवित बाहर निकाल लिया, लेकिन उनकी पत्नी कांती देवी और 10 वर्षीय जुड़वा बेटे विकास और विशाल की मलबे में दबकर मौत हो गई।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल (SDRF) गुरुवार सुबह से ही राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। कुंवर सिंह का छोटा सा घर रात के समय तबाह हो गया, जब पूरा परिवार गहरी नींद में था। मकान के गिरते ही चारों सदस्य मलबे में दब गए।
रेस्क्यू टीम को मलबे में फंसे कुंवर सिंह की हल्की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद टीम ने तुरंत अभियान तेज कर दिया। कुंवर सिंह का आधा शरीर मलबे में दबा हुआ था, लेकिन कमरे के रोशनदान से उन्हें सांस लेने में थोड़ी राहत मिलती रही, जिससे उनकी जान बच सकी।
करीब शाम छह बजे तक चले इस अभियान में कुंवर सिंह को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और तत्काल प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन दुखद रूप से उनकी पत्नी और दोनों बच्चों को नहीं बचाया जा सका।
कुंवर सिंह गांव में मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन करते थे। उनका परिवार सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने वाले जुड़वा बेटों के साथ उसी घर में रहता था। स्थानीय लोगों और प्रशासन ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख जताया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य जारी है और अब तक कई अन्य प्रभावितों की खोजबीन की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

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