सावधान: कोटद्वार में डेंगू ने दी दस्तक, बेस हॉस्पिटल में मरीज भर्ती



हर वर्ष बरसात के मौसम में मच्छरों का खतरा बढ़ जाता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोगों के मामले सामने आने लगते हैं। इस साल भी राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में पिछले तीन दिनों में डेंगू के दो मरीज भर्ती हुए हैं। हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार इस बार स्थिति नियंत्रण में है और बीते वर्ष की तुलना में अधिक मामले सामने नहीं आए हैं।

डॉ. जेसी ध्यानी ने बताया, "अभी वायरल फीवर के मामले अधिक हैं, लेकिन डेंगू की स्थिति अभी तक नियंत्रण में है। सितंबर और अक्टूबर महीने में डेंगू के मामले अधिक आते हैं, लेकिन विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है।"

डेंगू की वजह 

डेंगू का संक्रमण मादा एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इन मच्छरों के शरीर पर सफेद धारियां होती हैं और ये साफ पानी में पनपते हैं। मादा एडीज मच्छर दिन के समय काटते हैं।

डेंगू के लक्षण

डेंगू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, और हाथ-पैरों में अत्यधिक दर्द शामिल हैं, जिसे ‘ब्रेकबोन फीवर’ भी कहा जाता है। इसके अलावा मिचली, उल्टी और पेट में दर्द की समस्याएं भी हो सकती हैं। गंभीर मामलों में डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हाई फीवर जैसी जानलेवा स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें मरीज को इमरजेंसी इलाज की आवश्यकता होती है।

डेंगू से बचाव

डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों को फैलने से रोकना सबसे ज़रूरी है, इसके लिए अपने आसपास पानी जमा न होने दें, खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं, और लंबी बाजू के कपड़े पहनें. इसके अतिरिक्त, डीईईटी या नींबू युकलिप्टस तेल वाली मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करें, और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें



स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि डेंगू के मामलों को रोकने के लिए मच्छरों की जनसंख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है और इसके लिए साफ-सफाई और पानी को जमा होने से रोकने की आवश्यकता है।

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