उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में आई भीषण आपदा के बाद हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। बुधवार को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पांच और शव बरामद किए गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है, जबकि अब भी 23 लोग लापता हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए एसडीआरएफ की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
तीन शव देहरादून, दो सहारनपुर में मिले
बुधवार को मिले शवों में से तीन देहरादून, जबकि दो शव यमुना नदी के रास्ते सहारनपुर के मिर्जापुर क्षेत्र से बरामद किए गए हैं। हालांकि, इनकी पहचान अभी नहीं हो सकी है। दो शव सौंग नदी से रायपुर क्षेत्र, और एक शव हरबर्टपुर में आसन नदी से बरामद किया गया है। इन तीनों की भी पहचान नहीं हो पाई है।
6 मजदूर फुलेत गांव में लापता
देहरादून के फुलेत गांव में सहारनपुर के छह मजदूर लापता हैं। आशंका है कि वे मलबे में दबे हो सकते हैं। SDRF की टीम यहां बुधवार सुबह से ही सघन तलाशी अभियान चला रही है।
टोंस नदी में बह गए थे 15 मजदूर
सोमवार रात हुई भारी बारिश के बाद टोंस नदी में ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 15 मजदूर बह गए थे, जिनमें से 8 के शव बरामद, 2 को बचा लिया गया, जबकि 5 अब भी लापता हैं।
संपर्कविहीन हुआ मसूरी, मुख्य मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण देहरादून-मसूरी को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। शिव मंदिर के पास पुल के टूटने से आवागमन पूरी तरह ठप है। लोग नदी पार कर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
PWD विभाग ने मंगलवार रात 2 बजे से वैली ब्रिज निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है, जो युद्धस्तर पर जारी है। ठेकेदार सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि शाम तक ब्रिज तैयार होने की उम्मीद है, जिससे छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।
कोलूखेत क्षेत्र में सड़क का बड़ा हिस्सा टूट चुका है, और सड़कों पर मलबा जमा है, जिससे कल तक भी यातायात सुचारू हो पाना मुश्किल माना जा रहा है।
लोकल प्रतिनिधि और प्रशासन कर रहे हैं राहत कार्य
- वार्ड नंबर 1 मालसी के पार्षद सुमेंद्र बोहरा ने बताया कि उन्होंने 50 लोगों की टीम बनाई है, जो आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रही है।
- मसूरी शहर कोतवाल संतोष कंवर ने बताया कि फिलहाल मसूरी को जोड़ने वाली सभी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने की अपील की जा रही है।
- उन्होंने यह भी बताया कि मसूरी के होटल संचालकों ने पर्यटकों से शुल्क न लेने का निर्णय लिया है, ताकि फंसे हुए लोगों को राहत मिल सके।
मरम्मत कार्य जोरों पर, हेलिकॉप्टर से राशन वितरण
लोनिवि और अन्य विभागों की टीमों ने नंदा की चौकी के पास ढहे पुल की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया है। नदी की धारा को पत्थरों की अस्थायी दीवार बनाकर रोका गया है ताकि कार्य में बाधा न आए।
मालदेवता क्षेत्र में हेलिकॉप्टर के माध्यम से राशन और आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है। बह चुकी सड़कों की मरम्मत का कार्य भी जारी है, और गुरुवार तक अस्थायी रास्ते चालू होने की संभावना जताई गई है।
ट्रैफिक डायवर्जन और दबाव
देहरादून से मसूरी जाने वाले मुख्य मार्ग और किमाड़ी मार्ग दोनों बंद हैं। पुलिस ने पहले ही सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रा से बचने की अपील की थी। इसके चलते शिमला बाईपास रोड और पांवटा हाईवे पर दबाव बना हुआ है। हालांकि, पुलिस की मुस्तैदी से ज्यादा देर तक जाम नहीं लगने दिया गया।
आपदा का अब तक का अपडेट:
| विवरण | संख्या |
|---|---|
| मृतक | 22 |
| लापता | 23 |
| बरामद शव (बुधवार को) | 5 |
| फंसे हुए मजदूर (फुलेत) | 6 |
| संपर्कविहीन क्षेत्र | मालदेवता, कोलूखेत, फुलेत, मसूरी मार्ग |

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