उत्तराखंड के कई हिस्सों में बादल फटने और मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित है और कई मार्ग बंद हो चुके हैं। इन कठिन परिस्थितियों में राजस्थान से उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में बीएड कर रहे चार छात्रों ने परीक्षा देने के लिए जो रास्ता चुना, वह अब मिसाल बन गया है।
राजस्थान के बालोतरा जिले के रहने वाले उमरम जाट, मगराम जाट, प्रकाश गोदारा जाट और लकी चौधरी 1 सितंबर को बीएड की अंतिम सेमेस्टर परीक्षा देने के लिए बालोतरा से रवाना हुए थे। ट्रेन से जोधपुर होते हुए 2 सितंबर को ये छात्र हल्द्वानी पहुंचे। परीक्षा केंद्र मुनस्यारी स्थित आर.एस. टोलिया पीजी कॉलेज में था, जहां 3 सितंबर को परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हल्द्वानी-पिथौरागढ़ और टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग पूरी तरह बंद हो चुके थे।
स्थानीय टैक्सी चालकों ने खराब मौसम और खतरनाक सड़कों के कारण मुनस्यारी जाने से मना कर दिया, जिससे छात्रों के सामने परीक्षा छूटने का संकट खड़ा हो गया। इस स्थिति में छात्रों ने हार नहीं मानी और हल्द्वानी-मुनस्यारी हेली सेवा संचालित करने वाली एक एविएशन कंपनी से संपर्क किया। उन्होंने कंपनी को बताया कि परीक्षा छूटने से उनका एक साल बर्बाद हो जाएगा।
छात्रों की गंभीरता और मेहनत को देखते हुए कंपनी के सीईओ रोहित माथुर और पायलट प्रताप सिंह ने विशेष हेलीकॉप्टर सेवा की व्यवस्था की। दो पायलटों के साथ हेलीकॉप्टर भेजा गया, जिसमें सवार होकर चारों छात्र सुरक्षित मुनस्यारी पहुंचे। उन्होंने समय पर परीक्षा दी और फिर उसी हेलीकॉप्टर से वापस हल्द्वानी लौट आए।
गौरतलब है कि हल्द्वानी से मुनस्यारी के बीच एक वर्ष से नियमित हेली सेवा संचालित हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति का किराया 5,200 रुपये है। परीक्षा देने आए हर छात्र को आने-जाने में कुल 10,400 रुपये खर्च करने पड़े।
चारों छात्र—ओमाराम चौधरी, मगाराम चौधरी, प्रकाश चौधरी, और लकी सियोल—पहले से ही थर्ड ग्रेड शिक्षक की सरकारी नौकरी में हैं और पत्राचार के माध्यम से बीएड कर रहे हैं।
इन छात्रों की जिजीविषा और जज्बे की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। हेली सेवा प्रदान करने वाली कंपनी और पायलटों के प्रति उन्होंने आभार भी व्यक्त किया है।

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