उत्तराखंड: नेपाल में फैली हिंसा से सीमा से सटे जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा, सोशल मीडिया पर भी निगरानी


नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, यूट्यूब और ट्विटर समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाए जाने के बाद देशभर में बवाल मच गया है। सरकार के इस फैसले से नाराज 18 से 30 साल की उम्र के हजारों युवा सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। हालात बिगड़ने के बाद सोशल मीडिया सेवाएं एक बार फिर बहाल कर दी गई हैं, हालांकि इसकी अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

नेपाल में उत्पन्न इस स्थिति के मद्देनज़र भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है। विशेष रूप से नेपाल सीमा से सटे उत्तराखंड के जनपदों—पिथौरागढ़, ऊधमसिंहनगर और चंपावत—में अतिरिक्त सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासन ने सीमा क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है, जबकि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ समन्वय स्थापित कर स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

आईजी कानून व्यवस्था डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि नेपाल में फैली हिंसा को देखते हुए खुफिया तंत्र पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है। प्राप्त इनपुट्स के आधार पर उत्तराखंड के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य भर में अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बॉर्डर क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

सोशल मीडिया पर भी निगरानी तेज
डॉ. भरणे ने बताया कि नेपाल हिंसा से जुड़े किसी भी प्रकार के भड़काऊ या भ्रामक पोस्ट की सोशल मीडिया पर निगरानी की जा रही है। इसके लिए मुख्यालय और जिलास्तर की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। ऐसे पोस्ट करने वालों की पहचान की जा रही है और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बॉर्डर चेकपोस्ट्स पर बढ़ाई गई निगरानी
पुलिस ने चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंहनगर के सभी बॉर्डर चेकपोस्ट्स पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। स्थानीय पुलिस को एसएसबी के संपर्क में रहने और जरूरत पड़ने पर संयुक्त पेट्रोलिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस मुख्यालय इन जिलों से लगातार अपडेट ले रहा है ताकि किसी भी प्रकार की चूक से बचा जा सके।

प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था भंग करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post