हिमालय दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड की माटी से जुड़े जनकवि व जननायक गिरीश तिवारी 'गिर्दा' को याद करते हुए ई-टेक्नो माइंड, कोटद्वार में एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कोटद्वार वृक्ष मित्र समिति के सौजन्य से किया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों और आम नागरिकों को हिमालय और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों द्वारा योग प्रदर्शन के माध्यम से की गई। इसके बाद मुख्य वक्ता के तौर पर असिस्टेंट कमिश्नर, जीएसटी कोटद्वार, मितेश्वर आनंद ने बच्चों और उपस्थित जनसमूह को हिमालय के पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार हम अपनी छोटी-छोटी दैनिक आदतों में बदलाव लाकर पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं।
स्कॉलर्स एकेडमी कोटद्वार की प्रधानाचार्या एकता रावत और ज्ञानवृक्ष स्कूल के निदेशक प्रशांत कुकरेती ने पहाड़ों में हो रहे भूस्खलन, जलवायु परिवर्तन और वन क्षेत्र की कटाई जैसे मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर जनकवि गिर्दा की प्रसिद्ध कविता "आज हिमाल तुमनकै धत्यूंछो..." और उनकी कालजयी रचना "उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि..." का सामूहिक पाठ कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उपस्थित बच्चों, शिक्षकों और अभिभावकों ने भावुक होकर "हिमाळ तेरी जय जय कारा म्यार हिमाळा..." का सामूहिक गायन किया।
कार्यक्रम का संचालन ई-टेक्नो माइंड के संस्थापक अजय जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में ग्रीन आर्मी उत्तराखण्ड के अध्यक्ष शिवम् नेगी, महासचिव उत्कर्ष नेगी, स्वयंसेवक सुशांत कोहली, अभय जुयाल, स्कूल स्टाफ, बच्चे और अभिभावक उपस्थित रहे।
गोष्ठी के माध्यम से गिरीश तिवारी गिर्दा की रचनाओं और विचारों को पुनः जीवित कर, समाज को हिमालय की पुकार को सुनने और उस पर कार्य करने का संदेश दिया गया।

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