उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है। रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान पेपर शुरू होने के महज 35 मिनट बाद ही इसके तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे पेपर लीक की आशंका गहरा गई है। शनिवार को ही पेपर लीक के पुराने आरोपी हाकम सिंह को एसटीएफ और एसएसपी दून की टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके अगले ही दिन रविवार को आयोजित परीक्षा में इस नए घटनाक्रम ने आयोग की परीक्षा प्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। परीक्षा का आयोजन सुबह 11 बजे से राज्यभर के 445 परीक्षा केंद्रों पर किया गया था। परीक्षा के शुरू होने के 35 मिनट बाद ही एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। जब परीक्षा समाप्त होने के बाद अभ्यर्थियों ने वायरल पन्नों से अपने प्रश्नपत्र का मिलान किया, तो कई सवाल मेल खाते पाए गए।
जैमर सिस्टम के बावजूद पेपर बाहर कैसे आया, इस पर खुद आयोग भी हैरान है। आयोग ने तत्काल मामले की जांच के लिए एसएसपी देहरादून और एसएसपी एसटीएफ को पत्र भेजा है। आयोग अपने स्तर से भी इस मामले की जांच करा रहा है।
अध्यक्ष ने दी सफाई, बोले— ‘पेपर लीक कहना जल्दबाज़ी’
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बयान जारी करते हुए कहा, “इसे पेपर लीक नहीं कहा जा सकता। यह अलग स्थिति है। किसी परीक्षा केंद्र से तीन पेज बाहर आए हैं, हो सकता है किसी ने मदद की हो। सभी केंद्रों पर जैमर लगे थे, इसके बावजूद यह घटना हुई है, जो चिंताजनक है। हमने विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं।”
ऋषिकेश में महिला से पूछताछ, एसओजी हरिद्वार कर रही जांच
पेपर लीक की जांच अब ऋषिकेश तक पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार, हरिद्वार की एक महिला को परीक्षा से पहले ही पेपर प्राप्त हो गया था। एसओजी हरिद्वार की टीम ने महिला से ऋषिकेश में पूछताछ की है। महिला का परीक्षा केंद्र हरिद्वार बताया जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक इस महिला की पहचान और हिरासत को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है।
68.36 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
स्नातक स्तरीय परीक्षा के लिए कुल 1,54,764 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 1,05,803 ने परीक्षा में भाग लिया। 48,961 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। राज्य भर में परीक्षा की कुल उपस्थिति 68.36 प्रतिशत रही। बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में उपस्थिति 70 प्रतिशत से अधिक रही।
2021 में भी हुआ था पेपर लीक
गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में आयोजित इसी परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था, जिसमें हाकम सिंह को आरोपी बनाया गया था। तब आयोग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी और दोबारा आयोजन करना पड़ा था। अब एक बार फिर से परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे अभ्यर्थियों में नाराज़गी और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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