कोटद्वार: रामलीला देखने गए दो पक्षों में विवाद, सरकारी कार्य में बाधा डालने पर 10 महिलाओं समेत 14 गिरफ्तार

 


उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश सीमा पर रामलीला के बहाने शुरू हुआ विवाद पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच टकराव में बदल गया। मामला कोटद्वार के देवरामपुर क्षेत्र का है, जहां बुधवार देर रात रामलीला देखकर लौट रहे उत्तराखंड के लोगों पर यूपी के युवकों ने पटाखे फेंके और अभद्रता की। विरोध करने पर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हो गया।

पुलिस के अनुसार, 21 अक्टूबर को देवरामपुर के कुछ लोग उत्तर प्रदेश क्षेत्र के मोटाढाक मल्ला में रामलीला देखने गए थे। वहीं उनका दूसरे पक्ष के युवकों से विवाद हो गया। बाद में जब पुलिस एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए ला रही थी, तब देवरामपुर के कुछ पुरुषों और महिलाओं ने पुलिस टीम के साथ अभद्रता की और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई।

इस घटना के संबंध में कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने कविता समेत कुल 22 नामजद और 10–15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 132, 191(2), 191(3), 190, 109, 351(2), 352 बीएनएस तथा उत्तराखंड लोक संपत्ति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत केस पंजीकृत किया है।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए। क्षेत्राधिकारी कोटद्वार निहारिका सेमवाल के निर्देशन में गठित पुलिस टीम ने 23 अक्टूबर को 14 आरोपियों (10 महिलाएं और 4 पुरुष) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।

महिलाओं का आरोप: यूपी के युवकों ने की जातिसूचक टिप्पणियाँ और मारपीट

देवरामपुर की कुछ महिलाओं का कहना है कि बुधवार रात करीब एक बजे जब वे अपने परिजनों के साथ रामलीला देखकर लौट रही थीं, तभी यूपी के तल्ला मोटाढाक गांव के कुछ युवकों ने उन पर पटाखे फेंके, जातिसूचक शब्द कहे और अभद्र व्यवहार किया। विरोध करने पर युवकों ने उनके साथ मारपीट की।

घटना की सूचना पर एसआई विनोद चपराना और अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने देवरामपुर के दो युवकों — वेदप्रकाश और संजय — को हिरासत में ले लिया, जबकि मारपीट करने वाले यूपी के युवक को छोड़ने की कोशिश की। इसका विरोध करने पर महिलाओं और पुलिस के बीच कहासुनी हुई, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

पुलिस पर भीड़ ने किया हमला, एसआई ने बचाई जान

मौके पर स्थिति बिगड़ने पर देवरामपुर के लोगों ने एसआई विनोद चपराना को घेर लिया। बताया जा रहा है कि एसआई को भीड़ से बचने के लिए लाठी चलानी पड़ी। पुलिस ने इस दौरान हुए हमले में अपने वाहन को नुकसान पहुंचने की बात भी कही है।

गुरुवार सुबह देवरामपुर के लोग हिरासत में लिए युवकों को छुड़ाने के लिए कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने रात में अभद्रता करने के आरोप में चार महिलाओं समेत सात लोगों को हिरासत में लिया।

एसएसआई राज विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस टीम पर हमला और सरकारी वाहन को क्षति पहुंचाने के आरोप में अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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