बदरीनाथ, हेमकुंड और माणा घाटी में बर्फबारी, मैदानी इलाकों में बारिश से बढ़ी सिहरन



उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदल गया है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, नीती और माणा घाटी, फूलों की घाटी, और नर-नारायण पर्वत शृंखला में शनिवार सुबह से ही बर्फबारी जारी है। इन इलाकों में चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है, जिससे अक्टूबर महीने में ही कड़ाके की ठंड का अहसास होने लगा है।

चमोली में बर्फबारी का व्यापक असर

चमोली जनपद में बीते दो दिनों से बारिश और बर्फबारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। उर्वशी पर्वत, ईराणी गांव, और निजमुला घाटी की ऊँची चोटियों पर भी भारी बर्फबारी दर्ज की गई है। स्थानीय लोग और पर्यटक इस अप्रत्याशित मौसम को लेकर हैरान हैं, क्योंकि अक्टूबर महीने में इस तरह की बर्फबारी कई वर्षों बाद देखी गई है।

मैदानों में भी दिखा असर

ऊंचाई वाले क्षेत्रों की बर्फबारी का असर देहरादून, हरिद्वार, कोटद्वार, और पौड़ी जैसे मैदानी इलाकों में भी देखा गया। गोपेश्वर, पोखरी, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, और थराली समेत कई स्थानों पर लगातार बारिश हो रही है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं।

दून में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री गिरकर 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान दो डिग्री अधिक रहा। शुक्रवार दोपहर बाद तेज बारिश ने मौसम को और ज्यादा ठंडा बना दिया। देहरादून में शुक्रवार को 9.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले लगातार बढ़ रहे तापमान में अब गिरावट आने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में 8 अक्टूबर तक मौसम बिगड़ा रह सकता है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएस तोमर ने जानकारी दी कि राज्य में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने के कारण व्यापक बारिश हो रही है। 8 अक्टूबर तक प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में भारी बारिश और ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इसके बाद मौसम के शुष्क होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि पोस्ट मानसून सीज़न में बारिश सामान्य है, लेकिन इस बार बारिश की तीव्रता जलवायु परिवर्तन और मौसम के बदले पैटर्न के कारण अधिक देखी जा रही है।



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