उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत और संघर्ष एक बार फिर मिसाल बनकर सामने आया है। पिथौरागढ़ जिले के मुवानी कस्बे के रहने वाले धर्मेंद्र भट्ट उर्फ ध्रुव ने उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर चयनित होकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सीमित संसाधनों और आर्थिक तंगी के बावजूद ध्रुव ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।
संघर्ष भरा सफर, आखिरकार मिली मंजिल
धर्मेंद्र का सफर आसान नहीं था। पिछले पांच वर्षों में उन्होंने प्राइवेट कंपनियों, दुकानों और होटलों में काम कर अपने परिवार की मदद की और साथ ही अपने सपनों को भी जीवित रखा। कई बार असफलता हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार परीक्षा की तैयारी जारी रखी और अब उनकी मेहनत रंग लाई है।
मां की ममता और आशीर्वाद बना संबल
ध्रुव की मां पिछले 22 वर्षों से प्राथमिक विद्यालय मुवानी में मिड डे मील (भोजन माता) के रूप में कार्यरत हैं। बेटे के सब इंस्पेक्टर बनने की खबर सुनते ही उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े — यह आंसू खुशी, गर्व और संघर्ष की जीत के थे। धर्मेंद्र अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और अपने गुरु प्रताप सिंह पुंडीर को देते हैं। उनका कहना है, “मेरी मां ने मुझे ईमानदारी, मेहनत और सेवा की भावना सिखाई। वहीं गुरुजी ने मुझे सही दिशा और हौसला दिया।”
पुलिस सेवा को माना समाज सेवा का माध्यम
ध्रुव फिलहाल डायट डीडीहाट से डी.एल.एड. की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने यह कोर्स छोड़कर पूरी तरह से पुलिस सेवा को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है, “पुलिस सेवा केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज की रक्षा और सेवा का एक जरिया है।”
'ध्रुव कोचिंग क्लासेस' से कई युवाओं को मिली राह
ध्रुव ने मुवानी में “ध्रुव कोचिंग क्लासेस” की स्थापना की, जिसका उद्देश्य गरीब और ग्रामीण बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन देना है। अब तक 25 से अधिक युवा इस कोचिंग के माध्यम से भारतीय सेना, एसएससी जीडी और अन्य सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। ध्रुव का कहना है कि इन युवाओं की सफलता ही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा है।

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