उत्तराखंड: अब नेपाल-भूटान-तिब्बत के नागरिक कर सकेंगे आसानी से विवाह रजिस्ट्रेशन, जानें नए नियम


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई। इस संशोधन से नेपाल, भूटान और तिब्बत मूल के नागरिकों के साथ उत्तराखंड के नागरिकों के विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया अब पहले की तुलना में सरल हो जाएगी।

राज्य सरकार ने बताया कि UCC लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया था, लेकिन विदेशी मूल के नागरिकों — विशेष रूप से नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिकों — के पास आधार कार्ड न होने के कारण विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में गंभीर अड़चनें आ रही थीं। कई विवाह आवेदन लंबे समय तक लंबित रहते थे या निरस्त कर दिए जाते थे।

सरकार द्वारा पारित नए संशोधन के अनुसार:

  • नेपाल और भूटान के नागरिक अब विवाह पंजीकरण के लिए नागरिक प्रमाण पत्र या भारत में 182 दिन से अधिक निवास का प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं।
  • तिब्बती मूल के नागरिकों को विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

सरकार का कहना है कि यह संशोधन समान नागरिक संहिता लागू करने के बाद सामने आई व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से किया गया है, जिससे विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया अधिक सरल, प्रभावी और पारदर्शी बन सके।

गौरतलब है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता को लागू किया था। इसके तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन संबंधों से जुड़े नियमों को एकसमान किया गया था।

कैबिनेट ने इस संशोधन को सर्वसम्मति से पारित किया। सरकार ने भरोसा जताया है कि इस बदलाव से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और UCC को प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post