दिल्ली में उत्तराखण्ड के लोकपर्व इगास की धूम, अनिल बलूनी के आवास पर दिखा सांस्कृतिक उल्लास

 


उत्तराखंड का पारंपरिक लोकपर्व इगास-बग्वाल शुक्रवार को पूरे उत्साह और पारंपरिक उमंग के साथ मनाया गया। प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली में भी पर्व की छटा देखने को मिली। राजधानी दिल्ली में गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के आवास पर भव्य इगास उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें देश की कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं।

कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, बाबा बागेश्वर धाम, और बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल समेत अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने पारंपरिक विधि-विधान से ईगास पूजन में भाग लिया और उत्तराखंडी संस्कृति का सम्मान किया।

इस अवसर पर सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि जिस प्रकार देशभर में सांस्कृतिक विरासत और गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, उसी तरह उत्तराखंडवासी भी अपने लोकपर्व इगास को उत्साहपूर्वक मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व उत्तराखंडियों को अपने पैतृक गांवों और लोक परंपराओं से दोबारा जोड़ने का माध्यम बन रहा है। बलूनी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी लोक संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। साथ ही प्रवासी उत्तराखंडवासियों से भी आह्वान किया कि वे अपने लोकपर्व अपने गांवों में मनाने का प्रयास करें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रदेशवासियों को इगास पर्व एवं बूढ़ी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और परंपराएं देवभूमि की पहचान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे देशभर में सांस्कृतिक गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है, वैसे ही उत्तराखंडवासी भी अपनी परंपराओं को जीवंत रख रहे हैं।

धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने इगास पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है ताकि लोग इस दिन अपने गांवों और परिवारों के साथ पारंपरिक रूप से पर्व मना सकें। उन्होंने युवाओं और प्रवासी उत्तराखंडियों से आह्वान किया कि वे अपनी मूल संस्कृति और लोक पर्वों से जुड़ें और राज्य के विकास में सहभागी बनें।

इगास पर्व के अवसर पर देवभूमि के गांवों से लेकर देश की राजधानी तक उत्तराखंड की लोक धुनों और परंपराओं की गूंज सुनाई दी, जिसने प्रवासी उत्तराखंडियों में भी अपनी जड़ों से जुड़ने का उत्साह भर दिया।

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