उत्तराखण्ड : लालढांग-चिल्लरखाल-कोटद्वार मोटर मार्ग को लेकर आया बड़ा अपडेट


लंबे समय से उपेक्षित और स्थानीय जनता की वर्षों पुरानी मांग लालढांग-चिल्लरखाल-कोटद्वार मोटर मार्ग के डामरीकरण और निर्माण को लेकर अब उम्मीद की किरण नजर आने लगी है। गढ़वाल लोकसभा सांसद अनिल बलूनी ने आश्वासन दिया है कि इस मार्ग सहित कंडी मोटर मार्ग पर शीघ्र निर्णय लेकर कार्य आरंभ किया जाएगा।

दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोटद्वार से आए शिष्टमंडल ने सांसद बलूनी से भेंट की और मोटर मार्ग के डामरीकरण एवं सिगड्डी स्रोत और मैली स्रोत पर अधूरे पुलों के शीघ्र निर्माण हेतु ज्ञापन सौंपा। जिस पर बलूनी ने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन देते हुए कहा कि यह दशक उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास का दशक होगा, और इन महत्वपूर्ण मार्गों के निर्माण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

शिष्टमंडल ने अपने ज्ञापन में बताया कि यह मोटर मार्ग वर्ष 1965 से अस्तित्व में है और इससे पहले यह लालढांग से चौकी घाटा, खोहद्वार होते हुए दुगड्डा तक पैदल मार्ग के रूप में व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। लेकिन राज्य निर्माण के बाद यह मार्ग उपेक्षा का शिकार होता गया। वर्तमान में स्थिति यह है कि यह मार्ग बंद होने की कगार पर है, खासकर सिगड्डी और मैली स्रोत पर अधूरे पुल निर्माण के चलते।


सांसद बलूनी ने कहा कि वे पहले से इस विषय को लेकर सजग हैं और यह जानते हैं कि लालढांग क्षेत्र के नयागांव, मोल्हापुरी, रसूलपुर, चमरिया गांव के बोक्सा जनजाति और अन्य ग्रामीणों को 11 से 20 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करनी पड़ रही है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि यह मामला शीघ्र ही कोर्ट में निस्तारित किया जा रहा है और कार्य जल्द ही शुरू होंगे।

शिष्टमंडल ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन की असीम संभावनाओं से भी जुड़ा है। यह मार्ग लालढांग क्षेत्र को चिल्लर-सिगड्डी के वन्य क्षेत्रों से जोड़कर साहसिक पर्यटन और वाइल्ड लाइफ गतिविधियों को बढ़ावा देगा। साथ ही कण्व आश्रम, सुल्ताना भांडू, महाबगढ़ और मालिनी घाटी सभ्यता जैसे महत्वपूर्ण स्थलों तक पर्यटकों की पहुँच भी आसान होगी।

सिर्फ 8 किमी लंबा यह मार्ग क्षेत्र के दर्जनों गांवों और कस्बों को जोड़ता है, जिसका डामरीकरण और पुल निर्माण संपूर्ण भाबर व कोटद्वार क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थितिको सुदृढ़ कर सकता है।

शिष्टमंडल में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में वरिष्ठ पत्रकार एवं हिमालयन डिस्कवर फाउंडेशन ट्रस्ट के चेयरमैन मनोज इष्टवाल, सनातन महापरिषद भारत के दिल्ली अध्यक्ष सोमप्रकाश गौड़, विमला कुंदन सेवाग्राम ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी गिरिराज सिंह रावत, विकास देवरानी, चन्द्रमोहन कुकरेती, और सामाजिक कार्यकर्ता प्रणिता कंडवाल आदि शामिल रहे।



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