सोमवार को सिद्धबली मंदिर के पास पहाड़ी से बोल्डर गिरने से एक मैक्स वाहन चपेट में आ गया था, जिसमें दो यात्रियों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे। इस घटना ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद मंगलवार को हाईवे पर सामान्य दिनों की तुलना में यातायात का दबाव काफी कम देखा गया। वाहन चालक समूह बनाकर सफर करते नजर आए और एक-दूसरे से समन्वय बनाकर चल रहे थे।
घटना के बाद से प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने हाईवे के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। रात के समय सभी प्रकार के भारी वाहनों और बसों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाई गई है। वहीं, तड़के रवाना होने वाली लंबी दूरी की बसों को भी उजाला होने तक रोक दिया गया है। सुबह 5 बजे के बाद ही वाहनों को यात्रा की अनुमति दी जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हाईवे पर 112 पुलिस और इंटरसेप्टर मोबाइल वैन लगातार सक्रिय हैं। यातायात निरीक्षक संदीप तोमर ने जानकारी दी कि हाईवे पर कई जगह भूस्खलन की आशंका बनी हुई है, जिससे जानमाल के नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए रात्रिकालीन यातायात पर पूर्ण रोक जरूरी है।
सिद्धबली मंदिर के समीप मंगलवार को भी लगातार दूसरे दिन पहाड़ी से मलबा गिरा। हालांकि इस बार कोई जनहानि नहीं हुई। लेकिन यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि बरसात के इस मौसम में हाईवे पर यात्रा जोखिम भरी हो सकती है।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान सावधानी बरतें, अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।

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