उत्तराखंड सरकार ने वर्दीधारी कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए एकीकृत नियमावली लागू कर दी है। इस नई व्यवस्था के तहत अब प्रदेश में सिपाही और दरोगा रैंक के पदों पर एक ही परीक्षा के माध्यम से भर्ती की जाएगी। कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह नियमावली "उत्तराखंड वर्दीधारी सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली" के नाम से प्रभावी होगी।
एक परीक्षा, कई विभागों में भर्ती
नई नियमावली के तहत उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) अब पुलिस, अग्निशमन, बंदी रक्षक, वन विभाग, आबकारी, प्रवर्तन और सचिवालय विधानसभा भवन रक्षक जैसे विभिन्न विभागों में वर्दीधारी सिपाही स्तर के पदों के लिए एक साझा परीक्षा आयोजित करेगा। इसके साथ ही, दरोगा स्तर के पदों जैसे उप निरीक्षक (SI), फॉरेस्टर, आबकारी निरीक्षक और अन्य समकक्ष रैंक की भर्ती भी इसी एकीकृत प्रणाली से की जाएगी।
अभ्यर्थियों को मिलेगी विभाग चुनने की सुविधा
इस प्रक्रिया में अभ्यर्थी परीक्षा देने के बाद अपनी मेरिट और वरीयता के आधार पर विभिन्न विभागों का चयन कर सकेंगे। उच्च मेरिट में आने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता के आधार पर विभाग आवंटित किया जाएगा। इससे भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।
भर्ती प्रक्रिया होगी तेज और सुगम
नई नियमावली से अब आयोग को अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित नहीं करनी होंगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी तेज होगी। लंबे समय से इस नियमावली पर काम चल रहा था और अब इसके लागू होने से भर्ती मार्ग प्रशस्त हो गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय को राज्य के युवाओं के हित में एक "महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम" बताया। उन्होंने कहा, "नई नियमावली राज्य के युवाओं को पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती का अवसर प्रदान करेगी। साथ ही यह व्यवस्था उत्तराखंड की सुरक्षा और सेवा तंत्र को और अधिक सशक्त बनाएगी।"
राज्य सरकार की यह पहल न केवल बेरोजगार युवाओं को राहत देगी बल्कि वर्दीधारी पदों की भर्ती में वर्षों से चली आ रही विसंगतियों को भी खत्म करेगी। अब सभी संबंधित विभागों से भर्ती के लिए अभियाचन मिलने के बाद आयोग जल्द ही परीक्षा की प्रक्रिया शुरू करेगा।

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