जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया की अध्यक्षता में बुधवार को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित किए जाने वाले कोचिंग कार्यक्रम को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों से कोचिंग की रूपरेखा, काउंसलिंग की आवश्यकता और पाठ्यक्रम के स्वरूप पर विस्तृत चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा, "हमारा प्रयास है कि प्रतिभाशाली छात्रों को सही दिशा, संसाधन और वातावरण उपलब्ध कराकर सफलता की राह पर अग्रसर किया जाए।"
इस कोचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ-साथ बैंकिंग और एसएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाएगी। कोचिंग केंद्रों को सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर शिक्षण माहौल मिल सके।
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि प्रत्येक माह दो बार हाल ही में चयनित अधिकारियों द्वारा विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य छात्रों को सफलता की वास्तविक कहानियों से प्रेरणा देना और उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करना है।
उन्होंने जिला खनन अधिकारी राहुल नेगी को निर्देश दिए कि वे संयुक्त मजिस्ट्रेट दीक्षिता जोशी के साथ मिलकर कोचिंग केंद्रों के लिए उपयुक्त स्थान, योग्य शिक्षकों और इच्छुक विद्यार्थियों के चयन की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे स्थानों का चयन किया जाए जहां अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें।
संयुक्त मजिस्ट्रेट को कोचिंग संस्थानों से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने और त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शीघ्र ही विज्ञप्ति जारी की जाएगी और यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अक्टूबर माह से प्रारंभ किया जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्तवाल, डिग्री कॉलेज पौड़ी, नर्सिंग कॉलेज डोभ श्रीकोट, इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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