रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि ब्लॉक स्थित ग्वैफड़ गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक सात वर्षीय छात्र की स्कूल में अध्यापक द्वारा बेरहमी से पिटाई किए जाने का आरोप लगा है। इस घटना के बाद से बालक ने स्कूल जाना पूरी तरह से छोड़ दिया है।
पीड़ित छात्र के पिता हयात सिंह बिष्ट, जो वर्तमान में रोजगार के सिलसिले में राजस्थान में रह रहे हैं, को घटना की जानकारी तब मिली जब उनकी पत्नी ने बच्चे की हालत देखकर तस्वीरें उन्हें भेजीं। इन तस्वीरों में बालक के शरीर पर गहरे चोट के निशान स्पष्ट नजर आ रहे हैं। हयात सिंह ने यह तस्वीरें गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में साझा कीं, जिन्हें देखकर पूरे गांव में आक्रोश और दुःख की लहर दौड़ गई।
बच्चा स्कूल जाने से कर रहा इनकार
पिता के अनुसार, करीब एक माह पहले गांव के स्कूल में एक अध्यापक ने उनके बेटे की बुरी तरह पिटाई की थी। इसके बाद बच्चा डरा-सहमा रहने लगा और स्कूल जाने से साफ इनकार कर दिया। जब मां ने कारण पूछा, तब बच्चे ने पिटाई की बात बताई और चोट के निशान दिखाए।
ग्रामीणों की शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
तस्वीरें और पूरी घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उन्होंने आरोपित शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल बच्चों के लिए ज्ञान और संस्कार का स्थान है, न कि डर और हिंसा का। इतनी छोटी उम्र के मासूम के साथ इस प्रकार का व्यवहार न केवल अमानवीय है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।
शिक्षा विभाग ने शुरू की जांच
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) अजय चौधरी ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही उप शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनि अतुल सेमवाल को जांच का आदेश दे दिया गया है। उन्हें तीन दिनों के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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