उत्तराखंड के बहुचर्चित 2016 स्टिंग ऑपरेशन मामले ने एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले में CBI (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को नोटिस भेजा है। सीबीआई ने हरीश रावत को पूछताछ के लिए तलब किया है, जिस पर उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है।
हरीश रावत ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा, “काफी लंबे समय बाद फिर से सीबीआई के दोस्तों को मेरी याद आई है। मैं सीबीआई के सामने पेश होने के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे कुछ समय चाहिए। मैंने अक्टूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह का समय मांगा है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने सीबीआई के नोटिस को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, मुझे सीबीआई का नोटिस मिल जाता है। यह एक पैटर्न बन गया है। लगभग हर चुनाव से एक साल पहले मुझे नोटिस भेजा जाता है। इस बार भी चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं, वैसे ही फिर से नोटिस मिला है।”
हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा, “मैं तो अक्सर कहता हूं कि अब मुझमें कोई ताकत नहीं रही, लेकिन लगता है कि सरकार और सीबीआई को अब भी मुझमें ताकत नजर आती है। तभी तो उन्होंने मेरे घर नोटिस भेजा है।”
अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा, “अगर भारत सरकार में बैठे लोग अब भी मानते हैं कि मैं चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता हूं, तो मैं 'with thanks' इस नोटिस को स्वीकार करता हूं।"
हालांकि, रावत ने सीबीआई से सितंबर महीने में उपस्थित न हो पाने की बात करते हुए अक्टूबर के सेकंड या थर्ड वीक में समय देने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत दिखाई गई थी। इस स्टिंग को लेकर काफी राजनीतिक बवाल मचा था, और बाद में मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा गया था।
अब एक बार फिर इस मामले में हलचल तेज हुई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में हरीश रावत से सीबीआई की पूछताछ किन बिंदुओं पर केंद्रित होती है।

Post a Comment