UKSSSC पेपर लीक: सचिव से मिले 'छात्र' BDO, प्रधान और दुकानदार, छात्र के रूप में शामिल थे बहरूपिये

UKSSSC (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) पेपर लीक को लेकर युवाओं में आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। पेपर रद्द करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे छात्रों का गुस्सा अब चरम पर है। वहीं, सरकार और प्रशासन की ओर से आंदोलन को दबाने की कोशिशों के आरोप लगने लगे हैं।

नेपाली फार्म पर आंदोलन के बीच अचानक पहुंचे ‘छात्र’

देहरादून और हरिद्वार के बीच नेपाली फार्म में जारी छात्र आंदोलन के बीच बुधवार को माहौल उस वक्त बदल गया जब कई बसों में भरकर सैकड़ों युवक मौके पर पहुंचे। शुरुआत में इन लोगों ने UKSSSC परीक्षा का रिजल्ट जल्द जारी करने की मांग की, लेकिन कुछ देर बाद ही बयान से पलट गए। इन युवकों ने कहा कि उन्हें बिना पूरी जानकारी के यहां लाया गया और वे सभी हरिद्वार के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र हैं।

शासन में सचिव से मुलाकात, बाद में हुआ खुलासा

इस घटनाक्रम से ठीक पहले एक छात्र संगठन ने सचिवालय पहुंचकर शासन के वरिष्ठ अधिकारी शैलेश बगौली से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान इन लोगों ने पेपर रद्द करने की मांग रखी। जब इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, तब खुलासा हुआ कि प्रतिनिधिमंडल में कई ऐसे लोग छात्र नहीं, बल्कि अलग-अलग पेशे से जुड़े हुए थे।

छात्र बनकर पहुंचे ‘बहुरूपिये’

जांच में पता चला कि सचिव से मिलने वालों में हरिद्वार का एक ग्राम विकास अधिकारी भी शामिल था, जिस पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुका है। एक अन्य व्यक्ति देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में कपड़े की दुकान चलाता है, जबकि तीसरा व्यक्ति खुद को हरिद्वार के एक गांव का प्रधान बताता है। ये सभी लोग छात्र संगठन के प्रतिनिधि बनकर शासन से मिले थे।

सवालों के घेरे में सरकार और संगठन

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये लोग पेपर लीक से जुड़े किसी गिरोह का हिस्सा हैं या फिर छात्रों के आंदोलन को कमजोर करने की एक सुनियोजित कोशिश? जिस तरह से छात्रों के आंदोलन के बीच एक समान रणनीति के तहत 'छात्रों' को भेजा गया, उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आंदोलन को गुमराह करने और जनता की सहानुभूति को तोड़ने की कोशिशें की जा रही हैं।

छात्र संगठनों और युवाओं ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी आपत्ति जताई है और मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

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