UKSSSC पेपर लीक मामला: आरोपी खालिद मलिक ने पूछताछ में कबूला जुर्म, ऐसे रची गई थी साजिश


उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई सामने आई है। मामले के मास्टरमाइंड माने जा रहे खालिद मलिक को पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद हरिद्वार सीआईयू दफ्तर में देहरादून और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा उससे गहन पूछताछ की गई, जिसमें आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

पुलिस पूछताछ में खालिद मलिक ने बताया कि परीक्षा के दिन वह हरिद्वार के बहादरपुर जट स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पहुंचा। मुख्य द्वार पर कड़ी चेकिंग चल रही थी, इसलिए वह पीछे खेतों की ओर बने एक छोटे दरवाजे से केंद्र में प्रवेश कर गया। उसने अपने मोजे के अंदर आईफोन 12 मिनी छुपा रखा था।

परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने के बाद उसने प्रश्नपत्र के तीन पन्नों में से 12 सवालों की तस्वीरें खींची और बाद में शौचालय का रुख किया। शौचालय में जैमर की रेंज कमजोर थी, जिसका फायदा उठाकर उसने तस्वीरें अपने घर पर मौजूद मोबाइल पर भेज दीं।

घर पर मौजूद उसकी बहन साबिया ने वे तस्वीरें असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन चौहान को व्हाट्सएप के जरिए भेजीं। प्रोफेसर सुमन ने उन्हें हल कर जवाब वापस भेज दिए। इसी क्रम में पूरा पेपर लीक हुआ।

पहले से थी प्रोफेसर से पहचान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, खालिद और प्रोफेसर सुमन की पहले से जान-पहचान थी। वर्ष 2018 में सुमन ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर थीं, उसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। बाद में सुमन अमरोड़ा डिग्री कॉलेज, टिहरी गढ़वाल में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हो गईं।

खालिद ने साजिश के तहत सुमन से संपर्क कर बताया कि उसकी बहन परीक्षा में शामिल हो रही है और कुछ मदद चाहिए। उसने ये बात राज रखी कि असल में वह खुद ही परीक्षा में शामिल हो रहा है।

बार-बार की असफलताओं से टूटा आत्मविश्वास

पुलिस जांच में सामने आया कि खालिद मलिक लंबे समय से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहा था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल रही थी। हाल ही में उसे एक अगस्त को आईआईपी मोहकमपुर में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर काम मिला था। इससे पहले वह सीपीडब्ल्यूडी में संविदा जूनियर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत था, लेकिन लगभग दो वर्ष पूर्व उसकी सेवा समाप्त कर दी गई थी।

लगातार मिल रही असफलताओं और निराशा के चलते उसने शॉर्टकट अपनाते हुए अपराध का रास्ता चुना।

पुलिस अब सुमन चौहान और अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।

UKSSSC पेपर लीक कांड में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और जांच एजेंसियां पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने में जुटी हुई हैं।

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