राष्ट्रीय राजमार्ग पर ई-रिक्शा संचालन पर लगी रोक के विरोध में शुक्रवार को शहर के ई-रिक्शा चालक सड़क पर उतर आए। उपसंभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ज्योति शंकर मिश्रा के आदेश के विरोध में चालकों ने एआरटीओ कार्यालय पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। चालकों ने एनएच पर ई-रिक्शा संचालन की अनुमति देने की मांग की।
ई-रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र कुंडलिया के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन में चालकों ने कहा कि कोटद्वार में हाईवे शहर के भीतर से होकर गुजरता है, जिससे अस्पताल, स्कूल, तहसील, थाना, नगर निगम कार्यालय जैसे जरूरी संस्थान इसी मार्ग पर हैं। ऐसे में ई-रिक्शा संचालन बंद होने से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, चालकों की रोजी-रोटी पर भी संकट गहराने लगा है। अधिकांश चालक ऋण लेकर ई-रिक्शा खरीद चुके हैं और अब बैंक की किश्त चुकाना भी कठिन हो गया है।
चालकों ने प्रशासन से झंडाचौक से सिद्धबली मंदिर तक (रूट नंबर दो) और लालबत्ती चौक से कौड़िया तक (रूट नंबर सात) ई-रिक्शा संचालन की अनुमति देने की मांग रखी।
उल्लेखनीय है कि हाईवे पर जाम और दुर्घटनाओं की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा संचालन पर रोक लगाई थी। इसी क्रम में एआरटीओ ने बीते गुरुवार को उक्त रूटों पर ई-रिक्शा बंद करने के आदेश जारी किए थे। एआरटीओ मिश्रा ने बताया कि ई-रिक्शा की कम गति के कारण हाईवे पर अक्सर जाम की स्थिति बन रही थी और हाईकोर्ट से भी इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि दीपावली तक व्यवस्था में कुछ छूट दी जा सकती है।
इधर, ई-रिक्शा चालकों का एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम शालिनी मौर्य से भी मिला और ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में दीपक, सुनील सिंह, सुरेश कुमार, प्रवीन कुमार, विनोद आर्य और सलीम शामिल रहे।
वर्तमान में कोटद्वार शहर में 454 ई-रिक्शा, 206 ई-ऑटो, 28 ई-कार्ट और 406 ऑटो संचालित हो रहे हैं। सड़क पर पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण एआरटीओ ने ऑटो चालकों से स्वयं स्टैंड बनाने और नियमों के अनुसार संचालन करने की बात कही। यातायात निरीक्षक संदीप तोमर ने बताया कि मंगलवार को एक बार फिर ई-रिक्शा चालकों के साथ बैठक की जाएगी और उनसे निर्धारित रूट पर ही संचालन करने को कहा जाएगा।

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