कोटद्वार में ई-रिक्शा यूनियन के नाम पर दबंगई और अवैध वसूली के खिलाफ शहर के ई-रिक्शा चालकों ने परिवहन विभाग में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शुक्रवार को ARTO कार्यालय में दी गई शिकायत में चालकों ने आरोप लगाया कि नगर के प्रमुख “तीलू रोतेली चौक” से कौड़ियां रूट पर चलने वाले अधिकांश ई-रिक्शा न तो भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय से पंजीकृत किसी अधिकृत ऑटोमोबाइल कंपनी के हैं और न ही ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) से प्रमाणित हैं।
चालकों ने बताया कि इन अवैध रिक्शाओं में यात्रा करना पूरी तरह असुरक्षित है और कोटद्वार में पहले भी ऐसे ई-रिक्शा से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। साथ ही अधिकांश ई-रिक्शा के पास दो वर्ष में अनिवार्य रूप से लिया जाने वाला फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित लालबत्ती चौराहे पर कुछ युवक खुद को ई-रिक्शा यूनियन के सदस्य बताकर अवैध वसूली कर रहे हैं और खुद को परिवहन विभाग से अधिकृत बता रहे हैं। इससे कोटद्वार परिवहन कार्यालय की छवि धूमिल हो रही है। वहीं, इन लोगों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवैध कब्जा भी किया गया है, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। कोटद्वार बाजार में ई-रिक्शा की अधिक संख्या के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चालकों ने जनहित में इन अवैध ई-रिक्शा के संचालन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
ई-रिक्शा चालकों ने यह शिकायत न केवल परिवहन कार्यालय कोटद्वार को, बल्कि यातायात पुलिस और उपजिलाधिकारी कोटद्वार को भी भेजी है। उन्होंने मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है।

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