UKSSSC पेपर लीक के बाद सख्त हुए नियम, अब परीक्षा के लिए नए नियम लागू


 उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में हाल ही में सामने आए पेपर लीक प्रकरण ने आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 21 सितम्बर को हुई इस घटना के बाद प्रदेशभर में बेरोजगार युवाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की है, ताकि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब UKSSSC ने परीक्षाओं की सुरक्षा को लेकर कई सख्त कदम उठाए हैं। आयोग के सचिव जी.एस. मर्तोलिया ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन, पुलिस और आयोग की संयुक्त टीम मिलकर आगामी परीक्षाओं को पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए निम्नलिखित नए नियम लागू किए हैं:

बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य

परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों का फिंगरप्रिंट और फोटो स्कैन के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। साथ ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश से पूर्व प्रत्येक उम्मीदवार की सघन तलाशी भी की जाएगी।

परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचना अनिवार्य

उम्मीदवारों को परीक्षा प्रारंभ होने से कम से कम दो घंटे पहले केंद्र पर पहुंचना होगा। इस दौरान उनके जूते-चप्पल उतारकर जांच की जाएगी। देर से आने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में होगा संचालन

परीक्षा से एक दिन पहले सभी केंद्रों को सैनिटाइज किया जाएगा। अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे जिनकी निगरानी स्वयं जिलाधिकारी और एसएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे।

हर कोने में जैमर की तैनाती

मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकने के लिए परीक्षा कक्षों से लेकर बाथरूम तक मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे। इससे किसी भी बाहरी संपर्क की संभावना को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।

कड़ी निगरानी व्यवस्था

परीक्षा के दौरान हर केंद्र पर गार्ड्स और पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। बिना अनुमति किसी भी बाहरी व्यक्ति को परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं मिलेगा।

सचिव मर्तोलिया ने भरोसा दिलाया कि ये सख्त उपाय न केवल उम्मीदवारों के विश्वास को बहाल करेंगे, बल्कि उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को भी पुनः स्थापित करेंगे।

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