कोटद्वार में ड्रग विभाग ने की मेडिकल स्टोर पर छापेमारी, रेस्पिफ्रेस TR कफ सीरप का स्टॉक सीज, प्रशासन सतर्क


देश के कुछ राज्यों में कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौतों के बाद उत्तराखंड सरकार और प्रशासन सतर्क हो गया है। इसी कड़ी में मंगलवार को कोटद्वार में ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने कई मेडिकल स्टोरों में छापेमारी कर 'रेस्पिफ्रेस टीआर कफ सिरप' को स्टॉक से हटाकर सील कर दिया। यह सिरप गुजरात में निर्मित है और हालिया जांच में इसमें डायएथिलीन ग्लाइकाल नामक जहरीले केमिकल की अधिक मात्रा पाई गई, जो किडनी, लिवर और नर्वस सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।

ड्रग इंस्पेक्टर सीमा बिष्ट के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के दौरान कई दुकानों से इस कफ सिरप के नमूने लेकर उन्हें सील कर दिया गया है। अन्य दुकानदारों को भी तत्काल प्रभाव से यह सिरप स्टॉक से हटाने और बिक्री न करने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्यभर में सख्ती, CM ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले को जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए राज्यभर में कफ सिरप और अन्य प्रतिबंधित औषधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो। बच्चों की सुरक्षा पर किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने औषधि गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और अधिक मजबूत करने के संकेत भी दिए।

FDA ने जारी किया अलर्ट, केंद्र की एडवाइजरी लागू

खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) उत्तराखंड ने राज्य में अलर्ट जारी करते हुए सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों में छापेमारी तेज कर दी है। ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में कार्रवाई जारी है। उन्होंने देहरादून के जोगीवाला और मोहकमपुर सहित कई क्षेत्रों में खुद औषधि दुकानों का निरीक्षण किया।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार की एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। निर्देशों के अनुसार, औषधि निरीक्षकों को चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला परीक्षण कराने के आदेश दिए गए हैं।

डॉक्टरों को चेतावनी, अभिभावकों से अपील

सरकार ने सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें। साथ ही, अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कोई भी दवा न दें। किसी दवा के सेवन से प्रतिकूल प्रभाव दिखे तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल से संपर्क करें।

केंद्र की एडवाइजरी के मुख्य बिंदु:

  • 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी खांसी या जुकाम की दवा न दें।
  • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।
  • Dextromethorphan और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride युक्त दवाओं को 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया गया है।

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