उत्तराखंड: दो राज्यों के फर्जी निवास प्रमाण पत्र से सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाला शिक्षक निलंबित

 

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले से प्राथमिक शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। यहाँ एक सहायक अध्यापक को दो राज्यों — उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड — के स्थायी निवास प्रमाण पत्रों का फर्जी इस्तेमाल कर नौकरी पाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है और ऐसे अन्य मामलों की जांच भी तेज कर दी गई है।

मामला बाजपुर क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक विद्यालय नई आबादी हरसान का है, जहाँ पर तैनात सहायक अध्यापक शोभित सिंह पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने का आरोप साबित हुआ है। जांच में खुलासा हुआ कि शोभित सिंह ने डीएलएड प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश से किया था, जबकि सहायक अध्यापक पद के लिए उत्तराखंड का स्थायी निवास और ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जाली तरीके से बनवाया था।

जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) हरेंद्र कुमार मिश्र ने मामले की जांच की जिम्मेदारी उप शिक्षा अधिकारी, बाजपुर को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने पर विभाग ने तत्काल प्रभाव से शिक्षक को निलंबित कर दिया है।

गौरतलब है कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में जिले में 309 सहायक अध्यापक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें से लगभग 40 अभ्यर्थियों को मेरिट और शपथ पत्र के आधार पर नियुक्ति मिली थी, जिनमें शोभित सिंह भी शामिल थे।

अब इस प्रकरण के उजागर होने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि ऐसे सभी मामलों की जांच की जा रही है, और यदि किसी अन्य शिक्षक के खिलाफ भी फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल साबित होता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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